आवास भवन


 छात्राओं के आराम, शयन कक्ष आदि योजनाबद्ध नियम से बनाये गए हैं| ये हवादार और स्वच्छ हैं|

  छात्रायें स्वयं स्वावलंबी जीवन शैली का पालन करते हुए साफ़-सफाई, झाडू-बुहारी और प्रक्षालन स्वयं ही करती है जो दैनिक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है| सुरक्षा की दृष्टि से भी विद्याश्रम सुरक्षित है| किसी भी पुरुष अभिभावक या अन्य किसी व्यक्ति का शयन कक्ष, शयन भवन में प्रविष्ट की अनुमति नहीं दी जाती है| पेड़ पौधे और छायादार वृक्ष आश्रम वातावरण को शुद्ध रखने में अपनी भूमिका रखते हैं|

ब्रह्मचारिणियां आवास पर भी ध्यान योग और मौन रहने  का अभ्यास करती हैं|

संरक्षकों एवं अतिथियों के ठहरने का प्रबन्ध

छात्राओं के संरक्षकों, अतिथियों तथा दर्शकों के लिए गुरूकुल में अतिथि गृह बना हुआ है। आचार्या की विशेष स्वीकृति प्राप्त किये बिना 2 दिन से अधिक ठहरने का नियम नहीं है। अभिभावक स्वेच्छा से अंशदान कर सकते हैं|

शिवगंज में शिवाम्बा, कुन्दन आदि कई होटल व अन्य विश्रामालय, अतिथि गृह हैं जहां पर ठहरने और विश्राम की सुगम व्यवस्था है जो पुर्व में नियोजित की जा सकती है|