दीक्षान्त समारोह

शिक्षा से लेकर व्याकरण, निरुक्त आदि की मध्यमा, शास्त्री, आचार्य कक्षा उत्तीर्ण करने पर छात्राओं को क्रमशः आर्षविद्यालंकरणम्, आर्षविद्याविभूषणम्आर्षविद्यामणि आदि की उपाधियाँ दी जाती है एइस उपाधि के लिए समारोह पूर्वक दीक्षान्त समारोह होता है।दीक्षा समारोह में नवस्नातिकाओं को उपाधियों का वितरण किया जाता है द्यस्नातिकायें अपना आत्म निवेदन करती हैं। सन् २०१८ तक गुरुकुल में तीन दीक्षान्त समारोह हो चुके हैं।सन् २०१८दीक्षांत समारोह दिनाँक8/9/10 जून 2018तदनुसारज्येष्ठकृष्ण नवमी, दशमी, एकादशीविक्रम संवत्२०७५, मानावोत्पत्ति/वेदोत्पत्ति सृष्टिसंवत्-(1972949119), दयानंदाब्द – 194, शकसंवत् 1940को सम्पन्न हुआ|

दीक्षांत गुरुकुल से अधीत अधिकांश स्नातिकायेंअध्यापन कार्य में संलग्न हैं। इनके अतिरिक्त कई स्नातिकायें समाजको अपना जीवन समर्पित करके अनेक नये गुरुकुलों की स्थापना करके समाज सेवा कर रही हैं।कुछ स्नातिकायें अन्य सेवाओं में उच्च पदों को सुशोभित कर देश व समाज की सेवा कर रही हैं।

भविष्यके लिएकामना है कि गुरुकुल अपने योग्य छात्राओंको शास्त्री व आचार्या की उपाधि के साथ-साथ विद्या मार्तण्ड, विद्या वागीश एवं विद्या वारिधि उपाधियों से विभूषित करेगा|


वेद पताका
सांकेतिक चित्रांकन: एक दीक्षित छात्रा गुरु से  दीक्षा लेकर दयानन्द वेद भाष्य और सत्य अर्थ के प्रकाश में वैदिक पताका लहराते हुये|