वैदिक पुस्तकालय

संस्था के पास एक बृहद् पुस्तकालय है, जिसमें विविध विषय जैसे वेद, वेदांग, दर्शन, उपनिषद, सत्यार्थ प्रकाश, संस्कारविधि, वाल्मिकी रामायण, पतंजलि योग दर्शन, आर्य समाज साहित्य, भाषा में संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजीआदि की उपयोगी पुस्तकें हैं, जिनकी संख्या 15000 के लगभग हैं। अनेकों दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक पत्रिकाएं यहां के वाचनालय में आती है, जिनमें परोपकारी,आर्य मित्र, आदि मासिक व त्रैमासिक मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त संस्कृत की पत्रिकाएं भी आती हैं। भारत के प्रायः सभी प्रमुख सर्व प्रसिद्ध पत्र पत्रिकाएं भी यहां मंगवाई जाती हैं।

पुस्ताकालय में एकांत में बैठकर स्वाध्याय, वाचन के लिए स्थानहै जिसका लाभ वाचनालय के रूप में छात्रायें समुचित लेती हैं|वेद सब सत्य विद्याओ की पुष्तक है | उसका पढ़नापढ़ानाऔर सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है|

वाचनालय वेद पठन स्मरण करने के लिए उचित स्थान है|