शैक्षणिक भवन

विशाल शैक्षणिक भवन, अध्ययन कक्ष से सुसज्जित गुरुकुल वेद ज्ञान से सिंचित कर रहा है| प्राचीन पद्धति के प्रकाश में प्राय: कन्यायें आसन बिछाकर भूमि पर बैठकर ही विद्या अध्यन करती हैं| ऐसे पवित्र वातावरण में श्रेष्ठ-शिक्षा-संस्कार प्राप्त करने की उत्कट अभिलाषा के साथ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं|

 वेद-दर्शन-उपनिषद् धारा, राष्ट्रीयता का बोध, संस्कृति की पुनर्प्रतिष्ठा, सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के साथ गरीबी, बेकारी, बीमारी, भ्रष्टाचार, दुर्व्यसन, नशा, हिंसा आदि से मुक्त भारत के निर्माण की शिक्षा और जीवन मूल्य की सिंचाई होती है|

विराट् वट-वृक्ष बन चुका यह संस्थान अपनी छाया तले नयी पीढ़ी को पुनः आर्य संस्कृति का पाठ पढ़ा रहा है|

 ध्यानयोग, योगाभ्यासके लिए विशेष प्रशिक्षण आदि इसी प्रांगनमें दिए जाते हैंl
बड़े कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए भी इस प्रांगन का उपयोग होता है|

              परमात्मा की उपासना से ही आत्मा में आनन्द बढता है और पापों का नाश होता है |