समावर्त्तन संस्कार

दीक्षांत आयोजन स्वरुप समावर्त्तन संस्कार गुरुकुल की यज्ञ वेदी पर होता है ततः प्रमाण पत्र वितरण,  ब्रह्मचारिणियों का आत्मनिवेदन, आचार्या जी का उपदेश आदि मंच पर होते हैं।

अभिभावक ए शिक्षकध्शिक्षि का युवा पीढ़ी को संस्कार दें। आचरण ही जीवन की कसौटी है।दीक्षा समारोह में आशीर्वाद पुष्पों के रूप में यह प्रार्थना के जाती है कि गुरुकुल से प्रस्थान के पश्चात्छात्रा यें विदुषियां भविष्य में सुलभा,  गार्गी ए अपाला, घोषा, विश्ववारा, सूर्यासावित्री आदि एवं सीता, लक्ष्मीबाई, पन्नाधाय, जीजा बाई आदि जैसी ब्रह्मवादिनी और कर्तव्यनिष्ठ महिलाएं बनकर राष्ट्र का गौरव बने।