परीक्षा व्यवस्था और सम्बन्धित निर्देश, विशेष विज्ञपति निम्न प्रकार से हैं|
- सत्र में तीन परीक्षाएँ होती हैं त्रैमासिक, अद्धर्वार्षिक तथा वार्षिक।
- परीक्षाओं का माध्यम: गुरुकुल में ली जाने वाली सभी परीक्षाओं का माध्यम नागरी/ देवनागरी लिपि है (अंग्रेजी तथा कम्प्यूटर/संगणक विषयों को छोड़कर)|
- वार्षिक परीक्षा परिणाम 15 मई तक घोषित कर दिया जाता है|
- उत्तीर्णांक: न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही उत्तीर्ण किया जाता है|
- व्रताभ्यास: आश्रम अनुशासन के 50 अंकों में से 45 अंक प्राप्त करना आवश्यक है।
- परिक्षा में बैठने के लिए गुरुकुल के आश्रम में रहना तथा नियमित रूप से श्रेणियों में उपस्थित होकर अध्ययन करना आवश्यक है।